HELPING THE OTHERS REALIZE THE ADVANTAGES OF APSARA SADHNA

Helping The others Realize The Advantages Of apsara sadhna

Helping The others Realize The Advantages Of apsara sadhna

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भूत कैद करने का सिद्ध मंत्र इस से भूत होगा आपकी मुठी में

हनुमान देह रक्षा मंत्र – शरीर रक्षा मंत्र- प्राण रक्षा मंत्र

Sometimes, evil spirits disguise as Apsaras and come in front of you to create you really feel the Sadhana is finished; just one must not depart the Sadhana incomplete thinking the operate is finished presently. Hold out until eventually the Sadhana is full then belief the Apsara who's underneath you.

कामरु देश कामाख्या देवी — कामाख्या मंदिर: जहां विराजित है कृष्ण के पुत्र प्रद्युमन की कुल देवी ph on कर्ण मातंगी साधना के लाभ और कर्ण मातंगी साधना से जीवन कैसे बदले

१८ से लेकर ६०-७० वर्ष के बीच के व्यक्ति अप्सरा साधना कर सकते हैं।

अप्सरा और परी दोनों ही हिन्दू मिथकों और पौराणिक कथाओं में उल्लेखित स्वर्गीय स्त्री देवियां हैं, लेकिन इनके बीच भिन्नता है। यहां अप्सरा और परी में कुछ मुख्य अंतर हैं:

कामेच्छी अप्सरा साधना महत्व : इन अप्सराओं की समृद्धि समर्थ समझकर अनेकों ऋषियों और राजाओं ने इनकी साधनाएं की अथबा ब्राह्मणों से कराई । जिसके कारण इनमें कई अप्सराएं धरा पर इन साधकों here के पास अतुल बैभब के साथ दीर्घकाल तक रहीं । इनमें राजा पुरूरूबा और बिश्वामित्र के अपाख्यान लोक प्रसिद्ध हैं ।

आत्मिक शक्ति: अप्सराएं आत्मिक शक्तिशाली होती हैं और उनकी आत्मिक शक्ति साधकों को आत्म-सम्मोहन और आध्यात्मिक उत्थान में सहायक होती है।

Individuals will discover the rituals, mantras, and meditations to invoke the presence of such divine entities and harness their Electrical power for private progress and spiritual evolution.

मनपसंद पत्नी प्राप्ति के उपाय और सुंदर पत्नी प्राप्ति मंत्र Means to get a ideal wife and mantra to have an attractive spouse

जाने अप्सरा प्रत्यक्षीकरण साधना कैसे करें ?

वस्त्रधारण: अप्सराएं आकर्षण और उनके सौंदर्य को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से विभिन्न प्रकार के वस्त्र पहनती हैं। उनके वस्त्र भी आकर्षण का कारण बनते हैं।

आत्मिक अशांति: अप्सरा साधना के अभ्यास में लगाव अत्यधिक होने पर, आत्मिक अशांति या मानसिक अस्थिरता का सामना किया जा सकता है।

इस अप्सरा की कामेच्छा कभी शांत नहीं होती सदैब यह कामपीडित बनी रहती है इसीलिए इसका नाम कामेच्छी पडा है। इसका अनुष्ठान सरल है । सोमबार के कमलधारिणी देबी का चित्र ले। एकान्त स्थान पर रात्रि में उक्त मंत्र से पूजा कर ७ दिन तक हकीक माला से ११००० जप करे तो देबी सिद्ध हो जाती है प्रभाब स्वयं पता चलता है ।

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